Dr. Shriram Arya
डॉ श्रीराम आर्य
कासगंज ( उत्तर प्रदेश ) निवासी डा. श्रीराम आर्य को अपनी खण्डन मण्डन ग्रन्थमाला के कारण आर्य जगत् में विशेष ख्याति पर आपके द्वारा लिखित ग्रन्थों की संख्या ४० तक पहुंच गई है जिनमें पूजा क्यों, पुराणों के कृष्ण, मृतक श्राद्धखण्डन, शिवजी के चार विलक्षण बेटे, शास्त्र के चैलेंज का उत्तर, पौराणिक कोर्तन पाखण्ड है, संसार पौराणिक विद्वानों से ३० प्रश्न, सनातन धर्म में नियोग व्यवस्था, माधवाचार्य को डबल उत्तर, अवतारवाद पर ३१ प्रश्न, पौराणिक गप्प दीपिका यादि उल्लेखनीय हैं। इनके अतिरिक्त आपने श्रीमद्भागवत तथा गीता आदि ग्रन्थों पर भी समलोचनात्मक ग्रन्थ लिखे हैं। न केवल पौराणिकमत, अपितु नवीन मुनिसमाज, कबीर मत, हंसा मत आदि सम्प्रदायों के खण्डन में भी आपकी लेखनी ने अपना जौहर दिखाया है। इसी प्रकार बाइबल तथा कुरान की समीक्षा में भी आपने महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ लिखे हैं। टोंक के एक सनातनी महन्त से आपका लेखबद्व शास्त्रार्थ भी हुआ था जो प्रकाशित हो गया है। विपक्षियों के आक्षेपों को 'इट का जवाब पत्थर' की शैली में देना अत्यन्त आवश्यक है और इस दृष्टि से डा. श्रीराम आर्य का प्रयत्न श्लाघनीय है। आपकी खण्डनात्मक पुस्तकों पर कई बार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभियोग भी चलाये गये । परन्तु आप ससम्मान बरी हुये हैं।