Swami Vidyanand Sarswati
स्वामी विद्यानन्द सरस्वती
नाम- स्वामी विद्यानन्द सरस्वती (पूर्वनाम-प्रिंसिपल लक्ष्मीदत्त दीक्षित)
पिता- पं. श्री केदारनाथ जी दीक्षित।
जन्म- सन् १९१४ जन्मस्थान- बिजनौर (उ०प्र०)
शिक्षा- होशियारपुर तथा लाहौर के डी० ए० वी० कॉलेजों में।
विवाह- शास्त्रार्थ महारथी पं० देवेन्द्रनाथ शास्त्री की सुपुत्री श्रीमती शकुन्तलादेवी शास्त्री, काव्यतीर्थ के साथ सन् १९३९ में।
कार्य- लगभग ५० वर्ष का प्राध्यापन काल जिसमें आप होशियारपुर तथा पानीपत के पोस्टग्रेजुएट कॉलेजों के प्रिंसिपल तथा अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष, मन्त्री एवं सदस्य रहे।
आर्यसमाज के संगठन में- वर्षों तक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तरप्रेदश की प्रान्तीय सभाओं के अन्तरंग सदस्य। केन्द्रीय सार्वदेशिक सभा के प्रधान।
आन्दोलन में- आर्यसमाज के इतिहास में सभी महत्त्वपूर्ण सत्याग्रहों (हैदराबाद सत्याग्रह १९३९, सत्यार्थप्रकाश पर प्रतिबन्ध के विरुद्ध सत्याग्रह १९४७, हिन्दी रक्षार्थ सत्याग्रह १९५६, पंजाब विभाजन के विरुद्ध आन्दोलन १९६५ में सक्रिय भाग लेने का श्रेय स्वामी जी को ही है।)
साहित्यिक रचनाएं- स्वामी जी ने हिन्दी, संस्कृत तथा अंग्रेजी में तीस से अधिक महत्त्वपूर्ण रचनाएं की हैं। जिनमें -
वेदविषयक- वेदमीमांसा, भूमिकाभास्कर (बृहदाकार दो खण्डों में लगभग १२०० पृष्ठ), वेदार्थभूमिका (हिन्दी-संस्कृत), चत्वारो वै वेदाः।
दर्शन- अनादितत्त्वदर्शन, तत्त्वमसि, प्रस्थानत्रयी और अद्वैत वेदान्त, द्वैतसिद्धि, वैदिक कांसैप्ट ऑफ गॉड, द ब्रह्मसूत्र ए न्यू अप्रोच, थ्योरी ऑफ रियलिटी, एनाटोनी ऑफ वेदान्त, एज ऑफ शंकर (अनुवादित), नास्तिकवाद (सम्पादित)।
उपनिषद- ईशोपनिषद् रहस्य अथवा अध्यात्ममीमांसा, त्यागवाद, जन्म-जीवन-मृत्यु, ईशोपनिषद् ए स्टडी इन एचिक्स एण्ड मेटाफिजिक्स।
विज्ञान- सृष्टिविज्ञान और विकासवाद।
इतिहास- आर्यों का आदिदेश, ओरिजिनल होम ऑफ द आर्यांस्।
राजनीति- स्वराज्यदर्शन, राजधर्म (पोलिटिकल साईंस)
सत्यार्थ-भास्कर- (बृहदाकार दो खण्डों में लगभग १८०० पृष्ठ)
विविध- शंकराचार्यकृत परापूजा का भाष्य, खट्टी-मीठी यादें (संस्मरण), मूल गीता में श्री कृष्णार्जुनसंवाद, स्वामी विवेकानन्द के विचार, द गोस्पल ओफ स्वामी विवेकानन्द।
निधन- ३० जनवरी, सन् २००३।