यह पुस्तक गाय माता की उपादेयता एवं मनुष्यजाति के लिए कितनी कारगर है के विषय में मज़हब इस्लाम एवं वैदिक धर्म के परिप्रेक्ष्य में लिखी है.
वर्तमान पुस्तक लेखक द्वारा उर्दू में लिखी गई पुस्तक 'नुसख़ये दाफ़ै मासायबे हिन्द' का स्वयं द्वारा किया गया हिन्दी में अनुवाद है.