वर्णव्यवस्था एक ऐसा विषय है जो वर्तमान समय में बहुत ही प्रचलित है। एक विशेष समुदाय अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए इस विषय को प्रयोग में लेता रहता है। परन्तु वैदिक विचारधारा इस विषय को कैसे देखती है, इसी विषय को इस पुस्तक में रखा गया है।
इस पुस्तक में वेद के अतिरिक्त स्मृति,महाभारत,पुराण आदि ग्रन्थों के भी अनेक वाक्य प्रमाण में उद्घृत किये हैं।