Swami Bhumanand Sarswati M.A.
स्वामीभूमानन्द सरस्वती एम.ए.
आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध विद्वान् संन्यासी स्वामी भूमानन्द सरस्वती दक्षिण भारत के निवासी थे। पहले रोमन कैथलिक ईसाई मत के अनुयायी रहे, और वर्षों तक पादरी के रूप में कार्य करते रहे। आपकी माता का ईसाई मतानुयायिनी होते हुए भी हिन्दूधर्म को ओर झुकाव था। आपने प्रसिद्ध विद्वान् कुप्यु स्वामी से संस्कृत अध्ययन किया था। तदनन्तर आर्यसमाज का साहित्य पढ़कर वैदिकधर्म के अनुयायी बने। आपने आर्यसमाज के प्रसिद्ध संन्यासी स्वामी सर्वदानन्द जी से संन्यास की दीक्षा ली थी। आपने अंग्रेजी भाषा में उच्चकोटि का साहित्य लिखा। उनके द्वारा रचित अंग्रजी वैदिक साहित्य तथा अन्य ग्रन्थों का विवरण इस प्रकार है -
1. Anthology of vedic Hymns-इस ग्रन्थ में लगभग १३० वैदिक मन्त्रों की भावपूर्ण व्याख्या की गई है। यह ग्रन्थ रामलाल कपूर ट्रस्ट लाहौर से सन् १९३५ में छपा था।
2. Ecclesia Divina-वेदों के विभिन्न महत्त्वपूर्ण सूक्तों की विस्तृत व्याख्या युक्त यह ग्रन्थ आर्यसमाज नई दिल्ली से १६६२ वि० (१६३६ ई०) में प्रकाशित हुआ।
3. The Divine Book of work and worship-यजर्वेद के प्रथम अध्याय के १६ मन्त्रों की व्याख्या । प्रार्य साहित्य मण्डल, अजमेर द्वारा १६३७ ई० में प्रकाशित।
4 Scientific Gleanings from Vedic mythology.
5. Eugenics in the Vedas.
6. Anatomy in the Vedas.
7. English Translation in the full critical and explanatory notes) of the Yajurveda.
स्वामी भूमानन्द ने स्वामी दयानन्द के निम्न ग्रन्थों का अंग्रेजी अनुवाद किया
1. आर्याभिविनय-स्वामी दयानन्द रचित इस प्रसिद्ध प्रार्थान पुस्तक का अनुवाद श्री ठाकुरदत्त शर्मा धर्मार्थ ट्रस्ट देहरादून द्वारा प्रकाशित हना। इस ग्रन्थ में सन्ध्या तथा हवन की विधि भी विस्तारपर्वक अंग्रेजी अनुवाद सहित परिशिष्ट रूप में दी गई है। श्री रामलाल कपूर ट्रस्ट ने भी इस पुस्तक को गुटका संस्करण प्रकाशित किया।
2. Cow protection--स्वामी दयानन्द रचित गोकरुणानिधि का यह अनुवाद जयदेव ब्रदर्स बड़ौदा ने १९३६ ई० में प्रकाशित किया।