Swami Satyaprakash Sarswati
स्वामी सत्यप्रकाश सरस्वती
जन्म, अगस्त 24, 1905ई., उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर में, प्रयाग विश्वविद्यालय से 1927ई. में एम.एस.सी, 1932 में डी.एस.सी. की उपाधियाँ। 1932 से 1967 ई. तक प्रयाग विश्वविद्यालय के रसायन विभाग में प्राचार्य। 1967ई. में प्रयाग विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के उच्चतम प्रधानाचार्य एवं अध्यक्ष पद से सेवा निवृत। 1971 ई. में संन्यास की दीक्षा ली। हिन्दीभाषा में वैज्ञानिक साहित्य के निर्माण में जो सेवायें की, उनके उपलक्ष्य में हिन्दी साहित्य सम्मेलन, केन्द्रीय शासन, विज्ञान परिषद, नागरी प्रचारिणी सभा, उत्तर प्रदेश शासन, बिहार शासन, एवं विश्व हिन्दी सम्मेलनों द्वारा उच्चतम पुरस्कारों और सम्मानों द्वारा अलंकृत।
हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के अधिकारी यशस्वी लेखक। ऋग्वेद संहिता का अंग्रेजी अनुवाद 13 खण्डों में प्रकाशित। प्राचीन मुद्रा शास्त्र पर अंग्रेजी में 2 खण्डों में प्रकाशित ग्रन्थ। ब्रह्मगुप्त के गणित और ज्योतिष पर ग्रन्थ। वैदिक साहित्य पर अनेक ग्रन्थों का प्रणयन।
स्वामी जी ने अपने विश्वविद्यालयीय अध्यापन काल में रसायनशास्त्र संबंधी अनेक उच्चस्तरीय पाठ्य ग्रन्थ लिखे थे, जो अब भी महत्वपूर्ण समझे जाते हैं। शिक्षा का माध्यम वैकल्पिक रूप से अब अंग्रेजी और हिन्दी होते चल रहा है। वैज्ञानिक तकनीकी आयोग द्वारा पिछले लगभग 25 वर्षों में जो भी कार्य पारिभाषिक शब्दों के संबंध में हुआ है, उसका प्रचुर श्रेय स्वामी जी को है। 'भारत की सम्पदा' (ग्रन्थमाला) के भी प्रधान सम्पादक स्वामी जी रहे और हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रकाशित 'अंग्रेजी हिन्दी मानक कोश' स्वामी जी की अभूतपूर्व रचना है।
स्वामी जी ने अफ्रीका, यूरोप, केनेडा, अमरीका, वेस्ट-इण्डीज बर्मा, थाइलैंड, इण्डोनीशिया, मॉरिशस आदि अनेक देशों का भ्रमण किया है, और उनके द्वारा विदेशों में दिए गए प्रवचनों और व्याख्यानों के संग्रह भी कई खण्डों में उपलब्ध हैं।