• Date of Birth : 12 - 2 - 1901
  • Date of Death : 8 - 11 - 1978
  • Alias Name 1 : स्वामी धर्मानन्द सरस्वती
  • Father : नन्दलाल
  • Total Books : 6

Pt. Dharma Deva Vidyamartand

पण्डित धर्म देव विद्यामार्तण्ड

वेदों में अप्रतिम विद्वान्, लेखक, चिन्तक तथा विचारक पं० धर्मदेव विद्यामार्तण्ड का जन्म १२ फरवरी १९०१ को मुलतान (पाकिस्तान) जिले के दनियापर ग्राम में हआ था। उनके पिता का नाम श्री नन्दलाल था।गरुककांगडी के प्रारम्भिक स्नातकों में पंडित धर्मदेव का नाम उल्लेखनीय है। इनकी शिक्षा का आरम्भ गुरुकुल मुलतान में हुआ जहाँ आपने १९०९ से १९१६ तक प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण की। तदुपरान्त १९१७ से १९२१ तक गुरुकुल विश्वविद्यालय कांगड़ी में स्वामी श्रद्धानन्द तथा प्रो० रामदेव के चरणों में बैठकर आपने विद्याध्ययन किया। २३ मार्च १९२१ को आपने 'सिद्धान्तालंकार' की उपाधि ग्रहण की तथा कुछ काल पश्चात् 'भारतीय समाजशास्त्र विषय पर शोध प्रबन्ध लिखकर विद्यावाचस्पति' की उपाधि प्राप्त की। गुरुकुल विश्वविद्यालय कांगड़ी ने इनके विशिष्ट अध्ययन, पाण्डित्य तथा लेखन प्रतिभा से प्रभावित होकर विद्यामार्तण्ड' की मानद उपाधि से विभूषित किया। 
प्रारम्भ में पं० धर्मदेव गुरुकुल मुलतान के आचार्य पद पर रहे। तत्पश्चात् आप स्वामी श्रद्धानन्द के आदेशानुसार दक्षिण भारत में वैदिक धर्म प्रचारक के रूप में १९२१ से १९४१ तक रहे। इस बीच आपने कन्नड़, तेलगु, तमिल तथा मलयालम भाषाओं का अध्ययन किया तथा कन्नड़ में अनेक ग्रन्थों का प्रणयन किया। १९४२ से १९५३ तक आपने सार्वदेशिक सभा के सहायक मन्त्री के रूप में कार्य करते हुए सभा के मासिक मुखपत्र 'सार्वदेशिक' का सम्पादन किया। १९५८ से १९६३ तक पं० धर्मदेव ने श्री श्रद्धानन्द प्रतिष्ठान (गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अन्तर्गत) वेदाध्यापन किया और संस्कृतहिन्दी-अंग्रेजी कोश' के निर्माण का कार्य किया। इसी समय आपने 'गुरुकुल पत्रिका' का भी सम्पादन किया। २८ फरवरी १९७६ को महात्मा आनन्द स्वामी से संन्यास ग्रहण कर वे स्वामी धर्मानन्द सरस्वती बने। ८ नवम्बर १९७८ को आपका निधन हो गया। 
पं० धर्मदेव का लेखन विविध विषयों तथा विविध भाषाओं से सम्बन्धित है। उन्होंने संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी तथा कन्नड़ में लेखन कार्य किया है। वेदों पर भाष्य रचना, वेद विवेचन, संस्कृत में काव्य प्रणयन तथा विभिन्न शास्त्रीय एवं सैद्धान्तिक विषयों पर आपने विपुल साहित्य का निर्माण किया है। 
लेखन-कार्य अंग्रेजी में वेदभाष्य 
1. Hymns of the Samaveda (English Translation of Samaveda with notes and comments (1967), 2. Some Psalms of the Samavda Samhita सामवेद के कतिपय सूक्तों का अंग्रेजी अनुवाद (1966), 3. The Rigveda : An English Translation of the Commentary of Swami Dayanand Saraswati. Vol. 1, 2, 3 & 4. 
वेद विषयक अन्य विवेचनात्मक ग्रन्थ 
१. वैदिक कर्तव्य शास्त्र-वेदमन्त्रों के आधार पर आचारशास्त्र निरूपक ग्रन्थ (१९२८), २. स्त्रियों का वेदाध्ययन और वैदिक कर्मकाण्ड में अधिकार (२००४ वि० १९४८), ३. वेदों का महत्त्व (१९६२), ४. वेदों का यथार्थ स्वरूप-भारतीय विद्या भवन बम्बई द्वारा प्रकाशित 'दि वैदिक एज' की आलोचना (२०१४ वि०), ६. वेदमूलक आर्य राजनीति, ६. वेदभाष्यों का तुलनात्मक अनुशीलन : भूमिका, ७. एक मन्त्र के अनेक अर्थ, ८. सामसंगीत सुधा, ९. वेदों का सार्वभौम सन्देश : भाषण (१९५४) 
स्वामी दयानन्द विषयक ग्रन्थ 
१. महर्षि दयानन्द और महात्मा गांधी (१९४१), २. ऋषि दयानन्द के मन्तव्यों पर तुलनात्मक विचार (१९८१ वि०), ३. उदारतम आचार्य महर्षि दयानन्द, ४. महर्षि दयानन्द के वेदभाष्य की विशेषताएँ (२०१२ वि०),५. महर्षि दयानन्द और अन्य वेदभाष्यकार, ६. महर्षि दयानन्द के आदर्श का आर्यसमाज (१९७६), ७. Maharshi Dayanand and Satyarthprakash. (1945), ८. The Mission and Message of Maharshi Dayanand. 
स्फुट ग्रन्थ 
१. भारतीय समाजशास्त्र (१९३२), हमारी राष्ट्रभाषा (१९४६), ३. हमारी राष्ट्रभाषा और लिपि (१९४८), ४. वैदिकधर्म आर्यसमाज प्रश्नोत्तरी (१९३९), ५. आर्य धर्म निबन्ध माला, ६. गोरक्षा परम कर्तव्य और गोहत्या महापाप, ७. बौद्ध मत और वैदिक धर्म, ८. ब्रह्मपारायण यज्ञ की शास्त्रीयता (१९५२), ९. भक्ति कुसुमांजलि भाग-१, १०. भक्ति कुसुमांजलि भाग-२, ११. धर्मशिक्षा (९वीं तथा १०वीं श्रेणी के लिए), १२. वैदिक ईश्वरवाद और वर्तमान विज्ञान, १३. श्रद्धामाता, १४. अमर धर्मवीर स्वामी श्रद्धानन्द।

संस्कृत ग्रन्थ 
१. महापुरुष-कीर्तनम् (२०१६ वि०), २. महिलामणि कीर्तनम् (२०२० वि०, १९६३) 
अंग्रेजी ग्रन्थ 
1. A Catechism of Vedic Dharma and Aryasamaj (1000), 2. The Glory of the Vedas, 3. Christianity and the Vedic Dharma, 4. What is Arya Samaj? 5. Concept of God in Christianity and Vedic Dharma, 6. The Sublimity of the Vedas, 7. The Significance of the Vedic Sanskaras, 8. The Mission and Message of the Martyr, 9. Papers in the Vedic Teachings on world peace and Synthesis of Religion and science, 10. Child Marriage Bill (published by Civil and Social Programme Association Bangalore), 11. Vedic Sanskrit : Mother of All. languages, 12. Mahatma Buddha : An Arya Reformer. 
कन्नड़ भाषा ग्रन्थ- आर्यसमाज मंगलोर द्वारा प्रकाशित 
१. जातिभेदविचार, २. वैदिक ईश्वर कल्पने, ३. ऋषि दयानन्द सरस्वतीवरू श्रीमन्माधवाचार्यरू हतर सिद्धान्तगल तुलनात्मक विचार, ४. पशुबलि निषेध, ५. अस्पृश्यता निवारण, ६. आर्यसमाज वेन्दरेनू?, ७. वैदिक संध्याग्निहोत्र (आर्यसमाज बैंगलोर द्वारा प्रकाशित)।

 

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