मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि 'वैदिकधर्म आर्यसमाज प्रश्नोत्तरी' नामक मेरी लघु पुस्तक के पिछले संस्करण की सब प्रतियां समाप्त हो गई हैं और उसके नये संस्करण को निकालने के की आवश्यकता हुई है। इस पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद 'A Catechism on Vedik Dharm and Arya Samaj' नाम से कई वर्ष पूर्व शारदा मन्दिर, नई सड़क, दिल्ली की ओर से स्व० प्रो० सुधाकर जी एम.ए. ने प्रकाशित किया था, जिसकी एक भी प्रति अब उपलब्ध नहीं है। इसका कर्नाटक भाषा में अनुवाद मैसूर आर्यसमाज की ओर से श्री विश्वमित्र जी सिद्धान्तविशारद ने कुछ वर्ष पूर्व प्रकाशित किया था। अब एक आन्ध्रभाषा-भाषी सज्जन ने, जो बम्बई में रहते हैं, इसके तेलगू (आन्ध्रभाषा) में अनुवाद की अनुमति मांगी है, जो प्रचारार्थ प्रसन्नता से दे दी गई है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि इसे जनता ने उपयोगी पाया है। नये संस्करण में प्रमाणादि में छापे की अशुद्धियों को शुद्ध करने के
अतिरिक्त मैंने अपना बनाया 'वैदिक धर्मगीत' वैदिकधर्म की शिक्षाओं विषयक सप्तम पाठ के अन्त में जोड़ दिया है जिसमें वैदिकधर्म की सब मुख्य-मुख्य शिक्षाओं और विशेषताओं का निर्देश है।आशा है, इससे पुस्तक की उपयोगिता और बढ़ जाएगी। पुनर्जन्म की स्मृति के दो नये उदाहरणों को भीसप्तम पाठ में बढ़ा दिया गया है।