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अनुभ्रमोच्छेदन
Anubhramo-ucchhedan
By : Swami Dayanand Saraswati In : Hindiजैसा कि 'भ्रमोच्छेदन' ग्रन्थ के परिचय में बताया गया है कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द के 'निवेदन पत्र' के उत्तर में 'भ्रमोच्छेदन' ग्रन्थ की रचना की थी। अब इसके उत्तर में राजा शिवप्रसाद जी ने पुन: 'द्वितीय निवेदन' नामक पुस्तक प्रकाशित की, जिसके उत्तर में यह 'अनुभ्रमोच्छेदन' नामक ग्रन्थ लिखा गया।
इस ग्रन्थ की रचना संवत् १९३७, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की तिथि ४, बृहस्पतिवार के दिन की गई। ग्रन्थ की रचना शैली एवं ऋषि दयानन्द के २१ अक्तूबर १८८० के पत्र से ज्ञात होता है कि यह ग्रन्थ स्वयं महर्षि ने ही लिखवाया था। इसका हस्तलेख भी परोपकारिणी सभा, अजमेर में सुरक्षित है, जिस पर अनेक स्थानों पर ऋषि के हाथों से संशोधन किये गये हैं। कुछ अपरिहार्य कारणों से ऋषि के नाम का उल्लेख नहीं हो सका।
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Title : अनुभ्रमोच्छेदन
Sub Title : N/A
Series Title : दयानन्द ग्रन्थमाला
Language : Hindi
Category :
Subject : वैदिक धर्मं
Author 1 : स्वामी दयानन्द सरस्वती
Author 2 : N/A
Translator : N/A
Editor : N/A
Commentator : N/A
Publisher : Vedic Pustakalay
Edition : 4th
Publish Year : 2016
Publish City : Ajmer
ISBN # : N/A
http://vediclibrary.in/book/anubhramo-ucchhedan