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भ्रान्ति-निवारण
Bhranti-nivaran
By : Swami Dayanand Saraswati In : Hindiइस ग्रन्थ के नाम की भाँति नाम वाले दूसरे ग्रन्थ 'भ्रमोच्छेदन' में पण्डित विशुद्धानन्द जी और राजा शिवप्रसाद जी की नासमझी से अधिकांशत: 'ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका' से सम्बन्धित कछ प्रसंगों को स्पष्ट किया गया है, जबकि 'भ्रान्ति-निवारण' में वेदभाष्य-सम्बन्धी प्रश्नों का उत्तर दिया गया है।
महर्षि दयानन्द ने संसार के उपकार के लिए सभी विद्याओं के मुलभूत वेदों के अर्थ प्राचीन ऋषियों की व्याख्या, निरुक्त तथा अन्य सत्य ग्रन्थों के प्रमाणों के आधार पर करने प्रारम्भ किये। ये अर्थ उस समय प्रचलित सायण तथा विदेशियों आदि के द्वारा किये गये अर्थों से विरुद्धथे तथा पौराणिकों के मतों का खण्डन इनसे स्वतः होता था। अतः लोगों को वेदों के ये गौरवशाली अर्थ रास नहीं आ रहे थे। इस पुस्तक में प्रस्तुत उत्तर कलकत्ता के संस्कृत कालेज के ऑफिशियेटिंग प्रिंसिपल पण्डित महेशचन्द्र न्यायरत्न द्वारा उठाई गई भ्रान्तियों के हैं।
स्वामी जी इस पुस्तक की भूमिका में लिखते हैं कि "इस वेदभाष्य के विषय में पहिले आर. ग्रिफिथ साहब, सी.एच. टानी और पण्डित गुरुप्रसाद आदि पुरुषों ने कहीं-कहीं अपनी सामर्थ्य के अनुसार पकड़ की थी सो उनका उत्तर अच्छे प्रकार दे दिया गया था।" वैसे महर्षि उस समय अपने बनाये वेदभाष्य के मासिक प्रकाशित अंकों में भी विद्वानों के समझने के लिए संकेत दे देते थे, जिससे उनको समझने में सुविधा हो और व्यक्तिगत रूप से बार-बार पूछने में महर्षि का अमूल्य समय बरबाद न हो।
महर्षि भी बार-बार इन कामों में अपना बहुमूल्य समय खर्च नहीं करना चाहते थे, परन्तु दो बातों को लक्ष्य में रखकर उन्होंने पुनः लिखना आवश्यक समझा। महर्षि के शब्दों में, १.“एक तो यह कि ईश्वरकृत सत्य विद्या पुस्तक वेदों पर दोष न आवे कि उनमें अनेक परमेश्वर की पूजा पाई जाती है, और २. दूसरे यह कि आगे को मनुष्यों को प्रकट हो जाये कि ऐसी-ऐसी व्यर्थ कतर्क फिर खडी करके मेरा काल न खोवें।" इस पुस्तक में हिन्दी भाषा में ही सब शंकाओं का उत्तर है। इस ग्रन्थ का समय संवत् १९३४, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया (२) तिथि है।
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Title : भ्रान्ति-निवारण
Sub Title : N/A
Series Title : दयानन्द ग्रन्थमाला
Language : Hindi
Category :
Subject : वेदभाष्य-सम्बन्धी प्रश्नों का उत्तर
Author 1 : स्वामी दयानन्द सरस्वती
Author 2 : N/A
Translator : N/A
Editor : N/A
Commentator : N/A
Publisher : Vedic Pustakalay
Edition : 4th
Publish Year : 2016
Publish City : Ajmer
ISBN # : N/A
http://vediclibrary.in/book/bhranti-nivaran