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गौकरुणानिधि
Gokarunanidhi
By : Swami Dayanand Saraswati In : Hindiमहर्षि दयानन्द ने सभी पशुओं की हिंसा रोककर उनकी रक्षा करने के उद्देश्य से 'गोकरुणानिधि' नामक पुस्तक लिखी है। चौक गौओं के दूध और बैलों से सबसे अधिक हित होता है, अतः उन्होंने गौ की रक्षा पर अधिक बल दिया है। वैसे सभी पशुओं की सुरक्षा के लिए लिखा है।
इससे मुख्य रूप से महर्षि दो प्रकार के उद्देश्यों की पूर्ति चाहते हैं
१. सर्वशक्तिमान् ईश्वर की तरह सब मनुष्य अपने अन्दर दया और न्याय के भाव उत्पन्न करके स्वार्थपन से कृपापात्र गाय आदि पशुओं का विनाश न करें। उनकी दृष्टि में वे लोग तिरस्करणीय हैं, जो अपने लाभ के पीछे सबके सुखों का नाश करते हैं।
२. गाय आदि पशुओं को जहाँ तक सामर्थ्य हो बचाया जाय, जिससे दूध, घी और खेती बढ़ने से सबको सुख बढ़ता रहे।
यह बहुत छोटा-सा ग्रन्थ है। इसका मुख्य रूप से उस समय के ब्रिटिश राज्य की सम्राज्ञी श्रीमती राजराजेश्वरी विक्टोरिया महाराणी को दृष्टि में रखकर ही विनय की गई है कि वे पशुओं की हिंसा न होने दें।
हिन्दी भाषा में ही पुस्तक का विषय प्रस्तुत किया गया है। इसमें पशुओं से मिलने वाले दूध एवं उनकी सन्तानों से होने वाले लाभों का
औसत रूप से मूल्यांकन एवं गणना की गई है कि एक पशु अपने जीवन में कितने मनुष्यों के लिए हितकारी है।
महर्षि ने बड़े मार्मिक शब्दों में ऐसे गौ आदि की तुलना वृद्ध मातापिता के साथ करते हुए उन्हें भी संरक्ष्य माना है। जीवन में प्रदान किये गये दुग्ध आदि लाभों के कारण वे अहिंस्य हैं, ऐसा कहा है। यह पुस्तक निम्नलिखित तीन भागों में विभक्त है, जिन्हें प्रकरण नाम दिया गया है१. समीक्षा प्रकरण, २. नियम प्रकरण, और ३. उपनियम प्रकरण। मुख्य विषय समीक्षा प्रकरण में है।
महर्षि ने समीक्षा प्रकरण के प्रारम्भ में 'गोकृष्यादिरक्षिणी सभा' नामक सभा के निर्माण का उल्लेख किया है। इसका उद्देश्य गौ आदि पशुओं और कृषि आदि कर्मों की रक्षा करना था। इस सभा के जो अधिकारी और सदस्य बनना चाहते थे, उनके लिए अगले दो प्रकरणों में नियम तथा उपनियमों का उल्लेख किया है।
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Title : गौकरुणानिधि
Sub Title : N/A
Series Title : दयानन्द ग्रन्थमाला
Language : Hindi
Category :
Subject : गौ रक्षा
Author 1 : स्वामी दयानन्द सरस्वती
Author 2 : N/A
Translator : N/A
Editor : N/A
Commentator : N/A
Publisher : Vedic Pustakalay
Edition : 4th
Publish Year : 2016
Publish City : Ajmer
ISBN # : N/A
http://vediclibrary.in/book/gokarunanidhi